Posted in: भजन लिरिक्स

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषणताना ना सह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला,तुझे ऐ लंकापति बतलाऊंमुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं,मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं,ऐ लंका पति विभीषण ले देख, मैं […]

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