nahin chalao baan vyang ke ai vibheeshan
Posted in: भजन लिरिक्स

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में लिरिक्स

नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभीषण
ताना ना सह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला,

तुझे ऐ लंकापति बतलाऊं
मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं,
मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं,
ऐ लंका पति विभीषण ले देख, मैं तुझको आज दिखाऊं॥

और वीर बजरंगी ने सीना चीर दिया और बोले ले देख : जय श्री राम !

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में।
देख लो मेरे दिल के नगिने में,
देख लो मेरे दिल के नगिने में।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥
मेरे राम……………।

मुझको कीर्ति न वैभव न यश चाहिए,
राम के नाम का मुझको रस चाहिए, बस !!
मुझको कीर्ति न वैभव न यश चाहिए,
राम के नाम का मुझको रस चाहिए।
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥
मेरे राम……………।

राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरन करुँ,
सिया राम का सदा ही मैं चिंतन करुँ।

अनमोल कोई भी चीज मेरे काम की नहीं,
ऐ विभीषण ! दिखती अगर उसमे छवि सिया राम की नहीं।

राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरन करुँ,
सिया राम का सदा ही मैं चिंतन करुँ।
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में श्री राम,
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में श्री राम,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥
मेरे राम……………।

फाड़ सीना हैं सब को यह दिखला दिया,
भक्ति में मस्ती हैं बेधड़क दिखला दिया।
फाड़ सीना हैं सब को यह दिखला दिया,
भक्ति में मस्ती हैं बेधड़क दिखला दिया।
कोई मस्ती ना सागर मीने में,
कोई मस्ती ना सागर मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥

देख लो मेरे दिल के नगिने में,
देख लो मेरे दिल के नगिने में।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में।
मेरे राम राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
मेरे राम राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥


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